Mp Board : Essy
“बंद करो कोरोना का रोना, बनो सात्विक कुछ न होना।
तन-मन जीवन शुद्ध रखो तो , सदा स्वास्थ्य कोई रोग ना होना।| “
रूपरेखा-
(१) प्रस्तावना,
(२) कोरोना का उद्गम,
(३)कोरोना विषाणु है क्या,
(४)कैसे फैलता है कोरोना,
(५)बीमारी के लक्षण,
(६)बचाव के उपाय,
(७)कोरोनावायरस का संक्रमण हो जाए तब,
(८)उपसंहार,
प्रस्तावना –
कोरोना एक विषाणु का नाम है यह एक विषाणु जनित बीमारी है जिसके कुछ प्रकार मानव के लिए खतरनाक है। यह एक ऐसी बीमारी है जो सीधे तौर पर श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है और पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में अत्यधिक कष्ट होता है। इस बीमारी का भयावहता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि संसार के लगभग सारे देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें कई महाशक्तियां , जैसे – अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, रूस इत्यादि भी शामिल है और इसके दुष्परिणामों के आगे नतमस्तक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे महामारी घोषित कर चुका है। संक्रमित रोग होने के कारण यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले अन्य स्वस्थ व्यक्ति के मध्य भी तेजी से फैलता है। महामारियो की तुलना में इस महामारी ने मानव जीवन पर अत्यधिक गहरा आघात किया है।
कोरोना का उद्गम –
कोरोना एक प्राणघतक रोग है और इससे बचाव ही इसकी एकमात्र दवा है। अब तक इसका कोई प्रभावी टीका अथवा दवा विकसित नहीं हो सकी है। यह रोग चीन के वुहान शहर से वर्ष 2019 के दिसंबर माह में प्रारंभ हुआ और देखते ही देखते पूरे विश्व में तेजी से फैलता गया। विश्व के सभी महाद्वीपों में इसने करोड़ों की संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लाखों की संख्या में लोग काल – कालवित्त हो गए। चीन से प्रारंभ में होने के कारण इसका नाम ‘चाइना वायरस’ भी पड़ा। इसे ‘कोविड-19 ‘ के नाम से भी जाना जाता है।
कोरोना विषाणु क्या है ?-
कोरोनावायरस एक बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोनावायरस मानव की बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है कोरोनावायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुखाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इसके संक्रमण के फल स्वरुप बुखार, जुखाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए।
कैसे फैलता है कोरोना? –
यह एक संक्रमित रोग है जो पीड़ित व्यक्ति द्वारा खांंसने एवं छींकने पर गिरने वाली बूंदों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके संक्रमण की दर अत्यधिक है।
बीमारी के लक्षण–
कोविड-19 अथवा कोरोनावायरस से संक्रमित रोग में पहले बुखार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इन लक्षणों का हमेशा अर्थ यह नहीं है कि कोरोनावायरस का ही संक्रमण है। जुखाम और फ्लू के वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं कोरोनावायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी, किडनी फेल होना और यहां तक की मौत भी हो सकता है। बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमाा, मधुमेह या हृदय संबंधी बीमारी है उनके मामले में खतरा गंभीर हो सकता है।
बचाव के उपाय–
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस से बचाव के लिए कई दिशा- निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार कोरोना से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि सभी स्वयं की देखभाल करें आप जितना अधिक स्वयं को सुरक्षित रखेंगे उतना ही कम कोरोना होने की संभावना रहेगी। यह पाया गया है कि जिस की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है वह करोना को आसानी से हरा सकता है इसलिए अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें इसके अलावा भी कुछ और भी बचाव हैं जिनका पालन सबको करना चाहिए।
• हमेशा कोई बाहरी वस्तु छूने के बाद हाथ अवश्य धोएं या सैनिटाइज का उपयोग करें।
• साबुन से हाथों को कम से कम 30 सेकंड तक अच्छे से अवश्य धोएं।
• लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
• सार्वजनिक स्थानों पर सदैव मास्क का प्रयोग करें।
• आवश्यक ना होने पर घर से बाहर ना निकले।
• बाहर से लाए गए सामान को अच्छे से धो लें तब घर में रखें।
• संदिग्ध स्थिति में खुद को दूसरे से अलग कर ले।
• इस दौरान कभी भी अनावश्यक यात्रा करने से बचें।
• आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
• ना तो किसी के घर जाएं और ना ही किसी को अपने घर पर बुलाएं
यदि आज संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जाती है अतः घर पर रहे।
कोरोना की पुष्टि होने पर घबराएं नहीं क्योंकि इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर भारत में 2% से भी कम है। उचित देखभाल एवं समय पर प्राप्त चिकित्सा सुविधाओं से इस प्राणघात बीमारी को मात दी जा सकती है। कोरोनावायरस से पीड़ित होने पर रोगी को तत्काल चिकित्सक की सलाह पर कोरोना होने पर अस्पताल मेें भर्ती करा देना चाहिए। यद्यपि वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां चिकित्सकीय परामर्श पर दी जा सकती है। जब तक रोगी पूर्णता ठीक ना हो जाए और उसकी कोरोना जांच का परिणाम नेगेटिव ना आए उसे दूसरों से अलग रखना चाहिए और विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखभाल में सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए रोगी का उपचार करना चाहिए।
उपसंहार–
कोरोना से पूरे विश्व में करोड़ों लोग प्रभावित हो चुके हैं और लाखों जाने जा चुकी है। इस बीमारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। लोगों से उनके परिजन छिन गए, बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो चुके हैं पूरे विश्व में इस विनाशकारी महामारी ने भारी तबाही मचा रखी है। पूरे विश्व की सरकारें इससे अपनी जनता को बचाने में प्रयत्न सील है वैज्ञानिक यथाशीघ्र इस घातक बीमारी का कोई कारगर टीका (वैक्सीन) खोजने में दिन-रात जुटे हैं। ऐसे में हमें सतर्क रहते हुए स्वयं एवं अपने परिवार को इस बीमारी से बचाए रखना चाहिए और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना चाहिए सतर्क रहकर और इससे बचाव के उपाय अपनाकर हम इस बीमारी को संसार से सदा के लिए समाप्त करने की लड़ाई में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।
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