नमस्कार छात्रों हमारे वेबसाइट jcdclasses.com पर आपका स्वागत है इस पेज पर आपको Mp Board वार्षिक पेपर 2023 ( Annual Exam 2022-23 ) में पूछे जाने वाले 50 महत्वपूर्ण प्रश्न ( important quetions ) आप को प्रोवाइड किया जा रहा है आप इन सभी क्वेश्चनो को विशेष रूप से याद करने | यह आपके वार्षिक पेपर 2022-23 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है | ऐसे ही आपको कक्षा 10वीं and 12वीं के सभी सब्जेक्ट ओं का महत्वपूर्ण प्रश्न प्रोवाइड किया जाएग |
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MP Board Annual Exam 2022-23 Overview
Board | Madhya Pradesh Board of Secondary Education (MPBSE) |
Class | 10th and 12th |
Exam | Mp Board Annual Exam 2023 |
MP Annual Exam Date | March 2023 |
Time Table | 2 March 2023 to 01 April 2023 |
Official Website | mpbse.nic.in |
MP Board 10th Social Science वार्षिक पेपर 2023 – 20 Important Quetions
प्रश्न 1. राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं ?
उत्तर – भारत में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली है, भारत में राजनीतिक दलों के समक्ष प्रमुख चुनौतियों इस प्रकार हैं-
1. आंतरिक लोकतंत्र का अभाव पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव पाया जाता है। पार्टियों के पान सदस्यों की खुली सूची होती है, न नियमित रूप से सांगठनिक बैठकें होती हैं। इनके आंतरिक चुनाव भी नहीं होते। कार्यकर्ताओं से वे सूचनाओं का साझा भी नहीं करते। सामान्य कार्यकर्ता अनजान हो रहता है कि पार्टियों के अंदर क्या चल रहा है। परिणामस्वरूप पार्टी के नाम पर सारे फैसले लेने का अधिकार उस पार्टी के नेता हथिया लेते हैं। कुछ ही नेताओं के पास असली ताकत होती है। इसलिए पार्टी के सिद्धांतों और नौतियों से निष्ठा की जगह नेता से निष्ठा ही ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाती है।
2. वंशवाद की चुनौती दलों के जो नेता है वे अनुचित लाभ लेते हुए अपने नजदीको लोगों और यहाँ तक कि अपने ही परिवार के लोगों को आगे बढ़ाते हैं। अनेक दलों में शीर्ष पद पर हमेशा एक ही परिवार के लोग आते हैं। यह दल के अन्य सदस्यों के साथ अन्याय है। यह बात लोकतंत्र के लिए भी अच्छी नहीं है क्योंकि इससे अनुभवहीन और बिना जनाधार वाले लोग ताकत वाले पदों पर पहुँच जाते हैं।
3. पन और अपराधी तत्वों की घुसपैठ सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतना चाहते हैं। इसके लिए वे हर तरीका अपना सकते हैं। वे ऐसे उम्मीदवार खड़े करते हैं जिनके पास काफी पैसा हो या जो पैसे जुटा सकें। कई बार पार्टियों चुनाव जीत सकने वाले अपराधियों का समर्थन करती है या उनकी मदद लेती है। जिससे राजनीति का अपराधीकरण हो गया है।
4. विकल्पहीनता की स्थिति सार्थक विकल्प का अर्थ है विभिन्न पार्टियों की नीतियों और कार्यक्रमों में अंतर हो कुछ वर्षों से दलों के बीच वैचारिक अंतर कम होता गया है। यह प्रवृत्ति दुनियाभर में देखने को मिलती है। भारत को सभी बड़ी पार्टियों के बीच आर्थिक मसलों पर बड़ा कम अंतर रह गया है। जो लोग इससे अलग नीतियाँ बनाना चाहते हैं उनके पास कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होता।
प्रश्न 2 – निम्न पर टिप्पणी लिखिए – (i) बारदोली सत्याग्रह, (ii) पूना पैक्ट ।
उत्तर – (i) बारदोली सत्याग्रह 1928 में वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात के बारदोली तालुका में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया, जो कि भू-राजस्व को बढ़ाने के खिलाफ था। यह बारदोली सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है और यह आंदोलन वल्लभ भाई पटेल के सक्षम नेतृत्व के तहत सफल रहा। इस संघर्ष का प्रचार व्यापक रूप से हुआ और इसे भारत के कई हिस्सों में अत्यधिक सहानुभूति प्राप्त हुई।
(ii) पूना पैक्ट ब्रिटिश सरकार ने अम्बेडकर की माँग मान ली तो गाँधीजी आमरण अनशन पर बैठ गए। उनका मत था कि दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों को व्यवस्था से समाज में उनके एकीकरण की प्रक्रिया धीमी पड़ जाएगी। आखिरकार अम्बेडकर ने गाँधीजी की राय मान ली और सितम्बर 1932 में पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे दमित वर्गों (जिन्हें बाद में अनुसूचित जाति के नाम से जाना गया) को प्रान्तीय एवं केन्द्रीय विधायी परिषदों में आरक्षित सीटें मिल गई हालांकि उनके लिए मतदान सामान्य निर्वाचन क्षेत्रों में ही होता था।
प्रश्न 23. राजनीतिक दल का अर्थ बताते हुए इसकी उपयोगिता बताइए। 4
उत्तर- अर्थ राजनीतिक दल को लोगों के एक ऐसे – संगठित समूह के रूप में समझा जा सकता है जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है। उपयोगिता आधुनिक लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की उपयोगिता (आवश्यकता) निम्न कारणों से है. –
1. विशाल देशों में एक या दो व्यक्ति द्वारा शासन संभव नहीं है ऐसी स्थिति में एक विचारधारा के समूह राजनीतिक दल हो शासन का संचालन कर सकते हैं।
2. सरकार की गलत नीतियों का कुछ लोगों द्वारा विरोध का कारगर असर नहीं पड़ता ऐसी स्थिति में राजनीतिक दल ही सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर सकते हैं।
3. राजनीतिक दल में एक विचारधारा के लोग सम्मिलित होते हैं जो चुनाव में बहुमत मिलने पर सरकार का गठन करते हैं
4. हमें विभिन्न प्रकार के कार्यों के सम्पादन के लिए राजनीतिक दलों की आवश्यकता होती है। वे नीतियाँ एवं कार्यक्रम बनाते हैं; कानून बनाते हैं; सरकार बनाते और चलाते हैं; विपक्ष की भूमिका एवं कई अन्य कार्य करते हैं।
प्रश्न 3 – लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – एक लोकतंत्रीय राज्य में राजनीतिक दल अनेक प्रकार की भूमिकाएँ (कार्य) निभाते हैं; जैसे-
1. चुनाव लड़ना प्रत्येक राजनीतिक दल चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करता है और उनको सफल बनाने के लिए जनता से अपील करता है। चुनाव में प्रचार के विभिन्न माध्यमों द्वारा दल अपनी नीति को जनता तक पहुँचाते हैं और अपने पक्ष में मतदान करने के लिए अपील करते हैं।
2. नीतियाँ व कार्यक्रम जनता के सामने रखना दल अलग-अलग नीतियों और कार्यक्रमों को मतदाताओं के सामने रखते हैं और मतदाता अपनी पसंद की नीतियाँ और कार्यक्रम चुनते हैं। लोकतंत्र में समान या मिलते-जुलते विचारों को एकसाथ लाना होता है ताकि सरकार की नीतियों को एक दिशा दी जा सके। दल तरह-तरह के विचारों को बुनियादी राय तक समेट लाता है। सरकार प्रायः शासक दल की राय के तय करती है। अनुसार नीतियाँ
3. कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका राजनीतिक दल देश के कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। कानूनों पर औपचारिक बहस होती है और उन्हें विधायिका में पास करवाना पड़ता है लेकिन विधायिका के सदस्य किसी न किसी दल के सदस्य होते हैं। इस कारण वे अपने दल के नेता के निर्देश पर फैसला करते हैं। चुनाव में जिस राजनीतिक दल को विधानमंडल में बहुमत प्राप्त हो जाता है, वह दल सरकार का गठन करता है और देश का शासन चलाता है।
4. विरोधी दल की स्थापना – जो दल चुनाव हार जाते हैं, उनका कार्य विरोधी दल की स्थापना करना होता है। विरोधी दल सरकार की आलोचना करता रहता है और उसे निरंकुश बनने से रोकता है।
प्रश्न 4. भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है, क्यों ?
उत्तर– भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल होने के निम्न कारण हैं – (1) भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है, जहाँ सूर्य प्रकाश साल भर प्राप्त होता है। अतः यहाँ सौर ऊर्जा के दोहन की असीम संभावनाएँ हैं।
(2) एक अनुमान के अनुसार भारत में सौर ऊर्जा की उपलब्धता 20 मेगावाट प्रति वर्ग कि.मी. प्रति वर्ष है। (3) भारत में तकनीक द्वारा धूप को सीधे विद्युत् में परिवर्तित किया जा सकता है। (4) भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भुज के निकट माधोपुर में स्थित है। यहाँ सौर ऊर्जा से दूध के बड़े बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है। (5) सूर्य प्रकाश प्रकृति का मुफ्त उपहार है। इसलिए निम्न वर्ग के लोग आसानी से सौर ऊर्जा का लाभ उठा सकते हैं।
प्रश्न 5. भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर– मानव के विकास में कोयले का विशेष महत्व है, कोयले के चार प्रकार हैं- (1) पीट – इसमें कम कार्बन, नमी की अधिक मात्रा व निम्न ताप क्षमता होती है।
(2) लिग्नाइट – यह निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है, यह मुलायम होने के साथ अधिक नमी युक्त होता है।
(3) बिटुमिनस – गहराई में दबे तथा अधिक तापमान से प्रभावित कोयले को बिटुमिनस कोयला कहा जाता है।
(4) एंथेसाइट – यह सबसे अच्छे किस्म का कोयला होता है। इसमें कार्बन की मात्रा 80% से अधिक होती है। यह ठोस, काला व कठोर होता है।
भारत में कोयले का विशाल भंडार है जिसमें गोंडवाना कोयला क्षेत्र के अन्तर्गत दामोदर घाटी क्षेत्र के झारखण्ड, पं. बंगाल राज्य के झरिया, रानीगंज, बोकारो में स्थित है। दूसरा गोदावरी- महानदी क्षेत्र, तीसरा टर्शरी कोयला क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश का भाग आता है।
प्रश्न 6. दांडी यात्रा से आप क्या समझते हैं ? संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर– गाँधी जी ने द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930-34 ई. का कार्यक्रम तैयार किया और 12 मार्च 1930 ई. को साबरमती से समुद्र तट के एक गाँव दाण्डी को नमक कानून तोड़ने के लिए यात्रा आरंभ की।
गाँधी जी के साथ 78 सहयोगियों ने यात्रा में भाग लिया था। इस यात्रा के बाद भारतीयों में उत्तेजना और उत्साह का संचार हुआ। देश प्रेम की भावना दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। दाण्डी यात्रा ने अंग्रेजी सरकार को दिखा दिया कि अगर वे अपनी नीतियों में परिवर्तन नहीं करते हैं तो जन आंदोलन चलता रहेगा।
प्रश्न 9. महात्मा गांधी की “नमक यात्रा” का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर– (1) महात्मा गाँधी ने अपने 78 विश्वस्त आंदोलनकारियों के साथ नमक यात्रा प्रारंभ की। यह यात्रा साबरमतों में गांधीजी के आश्रम से 240 मील दूर दांडी नामक गुजरात के तटीय कस्बे में जाकर समाप्त होनी थी। (2) गाँधी जी की टोली ने 24 दिन तक प्रति दिन लगभग 10 मील का सफर तय किया। गाँधी जी जहाँभी रुकते हजारों लोग उन्हें सुनने आते। इन सभाओं में गाँधी जी ने स्वराज का अर्थ स्पष्ट किया तथा संदेश दिया कि लोग अंग्रेजों की शांतिपूर्वक अवज्ञा करें अर्थात् अंग्रेजों का कहा न मानें। (3) 6 अप्रैल को वह दांडी पहुँचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबाल कर नमक बनाया। इस प्रकार गाँधी जी और उनके अनुयायियों ने अंग्रेजों के कानून को तोड़कर सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रारंभ किया।
प्रश्न 10. जीविका के लिए काम करने वाले अपने आस-पास के वयस्कों के सभी कार्यों की लंबी सूची बनाइए। उन्हें आप किस तरीके से वर्गीकृत कर सकते हैं ? अपने चयन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर– जीविका के लिए काम करने वाले आप-पास के वयस्कों को हम निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं-
(क) कार्य की प्रकृति के आधार पर वर्गीकरण-
1. प्राथमिक क्षेत्र – वे सभी आर्थिक क्रियाएँ जो प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग द्वारा की जाती हैं उन्हें प्राथमिक क्षेत्र में रखा जाता है, जैसे-कृषि कार्य, खनन कार्य, मत्स्य पालन आदि।
2. द्वितीयक क्षेत्र – इस क्षेत्र में प्राथमिक क्षेत्र से प्राप्त विभिन्न उत्पादों का प्रयोग करके विभिन्न उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जाता है, जैसे-कपास से कपड़ा बनाना, गन्ने से चीनी बनाना आदि।
3. तृतीयक क्षेत्र- इस क्षेत्र में किसी वस्तु का निर्माण नहीं किया जाता बल्कि सेवाएँ प्रदान की जाती है ये सेवाएँ प्राथमिक तथा द्वितीयक क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके अंतर्गत बैंकिंग, बीमा, रेलवे संचार एवं परिवहन आदि को शामिल किया जाता है।
(ख) रोजगार की दशाओं के आधार पर वर्गीकरण रोजगार की दशाएँ किस प्रकार की हैं इस आधार पर हम इसे दो भागों में बाँट सकते हैं-
1. संगठित क्षेत्र इसमें मे गतिविधियाँ आती है जिनमें रोजगार की अवधि नियमित होती है तथा इन्हें सरकारी नियमों को मानना पड़ता है।
2. असंगठित क्षेत्र- क्षेत्र सरकारी नियंत्रण से बाहर होता है। इसमें रोजगार की अवधि तथा नियम (ग) उद्योगों के स्वामित्व के आधार पर वर्गीकरण विभिन्न औद्योगिक इकाइयाँ किसके स्वामित्व
उपनियम आदि निश्चित नहीं होते।
में है इस आधार पर इनका वर्गीकरण सार्वजनिक तथा निजी उद्योगों में किया जा सकता है उपरोक्त आधारों पर
हम अपने आस-पास के लोगों को इस प्रकार से सूचीबद्ध कर सकते हैं-
1. किसान प्राथमिक क्षेत्र
2. सरकारी स्कूल के अध्यापक- तृतीयक, संगठित, सार्वजनिक क्षेत्र 3. वकील- तृतीयक, संगठित, सार्वजनिक क्षेत्र
4. दर्जी- तृतीयक असंगठित, सार्वजनिक क्षेत्र
5. धोबी तृतीयक, असंगठित, निजी क्षेत्र
6. डाकिया – तृतीयक संगठित, सार्वजनिक क्षेत्र
7. श्रमिक-तृतीयक संगठित, निजी क्षेत्र
8. लिपिक- तृतीयक, संगठित, सार्वजनिक क्षेत्र
प्रश्न 11. ए. टी. एम. (ATM) क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– ए. टी. एम. ATM (Automated Tellar Machine ) – ए.टी.एम. से आशय एक ऐसी व्यवस्था से है जिससे कभी भी पैसे निकाले जा सकते हैं। इसका कार्ड प्लास्टिक का बना होता है और इसमें धातु की एक चिप लगी रहती है, जिस पर बैंक एकाउण्ट से संबंधित सभी विवरण दर्ज रहते हैं। ए.टी.एम. से एक दिन में एक निश्चित धनराशि ही निकाली जा सकती है। यह धनराशि अलग-अलग बैंकों के ए.टी.एम. कार्ड के लिए अलग-अलग हो सकती है। वास्तविकता यह है कि ए.टी.एम. ने बैंकिंग कार्य को बहुत सरल एवं सुविधाजनक बना दिया है।
प्रश्न 12. बहिष्कार एवं पिकेटिंग को समझाइए।
उत्तर – बहिष्कार किसी के साथ सम्पर्क रखने और 1 जुड़ने से इनकार करना या गतिविधियों में हिस्सेदारी, चीजों की खरीद व इस्तेमाल से इनकार करना। आमतौर पर यह विरोध का एक रूप होता है। पिकेटिंग प्रदर्शन या विरोध का एक ऐसा स्वरूप जिसमें लोग किसी दुकान, फैक्ट्री या दफ्तर के भीतर जाने का रास्ता रोक लेते हैं।
प्रश्न 13. डिजिटल भारत क्या है ? इसका क्या उद्देश्य है ?
उत्तर– डिजिटल भारत एक ज्ञान आधारित परिवर्तन के लिए भारत को तैयार करने के उद्देश्य से एक विशाल कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य IT (भारतीय प्रतिभा) + IT (सूचना प्रौद्योगिकी) = IT (कल का भारत) में होने वाले परिवर्तन को समझना है तथा तकनीक को केन्द्र में रखकर बदलाव लाना है।
प्रश्न 14. वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर– वन और वन्य जीव संरक्षण एवं रक्षण में सहयोगी रीति-रिवाज-
(1) भारतीय संस्कृति में प्रकृति को पहले से ही पवित्र मानकर इसको पूजा होती रही है। जानजातीय क्षेत्रों में यह प्रथा और अधिक व्याप्त 1(2) अनेक रीति-रिवाजों के कारण ही बहुत से वनक्षेत्र अपने कौमार्य रूप में आज भी विद्यमान है। (3) वनों में स्थानीय लोग न तो स्वयं हानि पहुँचाते। नही ये किसी को हानि पहुँचाने देते हैं। (4) उड़ीसा और बिहार में जनजातियाँ शादियों के मौके पर इमली एवं आम की पूजा करती है (5) उत्तर भारत एवं पश्चिमी क्षेत्रों में शादियों के समय आम की पूजा की जाती है। इन क्षेत्रों में पीपल तथा वटवृक्ष को पवित्र मानकर इनकी पूजा की जाती है।
प्रश्न 15. वनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर– दैनिक आवश्यकता की पूर्ति एवं प्राकृतिक संतुलन के लिए वनों का संरक्षण आवश्यक है- (1) हम दैनिक जीवन में लकड़ी का उपयोग खूब करते हैं। (2) वन एक राष्ट्रीय संपदा है। इससे हमारा औद्योगिक विकास होता है तथा हमारा जीवन स्तर भी ऊँचा उठता है। (3) हमारे देश में वनों का क्षेत्र सीमित है। यह क्षेत्र और भी सीमित होता जा रहा है। (4) किसी देश अथवा क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए 33% भू- भाग पर वनों का विस्तार होना चाहिए। परंतु हमारे देश में वनों का विस्तार केवल 193 प्रतिशत भू-भाग पर हो है। (5) हमारे देश में वनों का वितरण तो और भी बेतुका है। वन केवल दुर्गम, ऊँचे पर्वतीय व पठारी भागों तक ही सीमित रह गए हैं। दुर्गम क्षेत्रों में वनों का उपयोग कठिन है। (6) बढ़ती हुई जनसंख्या एवं उसको चढ़ती हुई आवश्यकता की पूर्ति के कारण वनों पर दबाव निरंतर बढ़ रहा है। अतः वनों का संरक्षण एवं उनका विस्तार करना नितांत आवश्यक है।
प्रश्न 16- मृदा निम्नीकरण से क्या आशय है?
उत्तर– मृदा में पेड़-पौधों तथा फसलों की वृद्धि के लिए आवश्यक प्राकृतिक पोषक तत्वों की कमी को मृदा (भूमि) निम्नीकरण कहते हैं, यह मानवीय क्रियाकलापों का ही परिणाम है।
प्रश्न 17. प्रारंभिक जीवन (जीविका) निर्वाह कृषि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर– प्रारम्भिक जीवन (जीविका) निर्वाह कृषि; वह कृषि है, जो भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों जैसे लकड़ी के हल, डाओ और खुदाई करने वाली छड़ी तथा परिवार अथवा समुदाय श्रम की मदद से की जाती है।
प्रश्न 18- मोटे अनाज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- जिन अनाजों के उत्पादन के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती अर्थात् जो कम पानी और कम उपजाऊ भूमि में भी उग जाते हैं, उन्हें मोटे अनाज कहते हैं; जैसे ज्वार, बाजरा ।
प्रश्न 19. विनिर्माण उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर– कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित करने की प्रक्रिया विनिर्माण कहलाती है। जब वह उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है तो विनिर्माण उद्योग के अंतर्गत आता है। जैसे- गन्ने से चीनी बनाना आदि।
प्रश्न 20 ” सूचना प्रौद्योगिकी किसे कहते हैं?
उत्तर– कम्प्यूटिंग और दूरसंचार के सम्मिश्रण पर आधारित माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा मौखिक, चित्रात्मक, मूलपाठ विषयक और संख्या सम्बंधी सूचना का अर्जन, संसाधन, भण्डारण और प्रसार ही सूचना प्रौद्योगिकी है।
प्रश्न 21. भारत में पहली रेलगाड़ी की शुरुआत कब और कहाँ से कहाँ तक की गई थी? भारतीय रेलमार्ग को कितने गेजों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर – भारत की पहली रेलगाड़ी 1853 में मुंबई और थाणे के मध्य चलाई गई जो 34 किमी. की दूरी तय करती थी। भारतीय न रेलमार्ग को तीन गेजों ब्रॉड गेज (बड़ी लाइन), मीटर गेज (छोटी लाइन), और नैरो गेज में बाँटा जा सकता है।
(क) ब्रिटेन की महिला कामगारों द्वारा स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले – जेम्स हरग्रीव्ज़ ने 1764 ई. में स्पिनिंग जेनी का आविष्कार किया था। इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया को तेज कर दिया। लेकिन इस मशीन के आने के बाद मजदूरों की माँग घटने लगी। एक ही पहिया घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियों को घुमा देता था और एक साथ बहुत से धागे बन जाते थे।
इससे बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई। इस क्षेत्र में महिलाएँ अधिक संलग्न थीं अतः इसका प्रभाव महिलाओं पर अधिक पड़ा। अतः ब्रिटेन की महिला ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमला कर दिया क्योंकि इस मशीन के कारण उनका रोजगार (नौकरियाँ) छिना जा रहा था।
MP Board 10th All Subject वार्षिक पेपर 2023 – 50 Important Quetions
10th Hindi | 50 Important Quetions – Click heare |
10th English | 50 Important Quetions – Click heare |
10th Maths | 50 Important Quetions – Click heare |
10th Science | 50 Important Quetions – Click heare |
10th Social Science | 50 Important Quetions – Click heare |
10th Sanskrit | 50 Important Quetions – Click heare |
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परीक्षा अध्ययन 2023 :-
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परीक्षा बोध 2023 :-
9th परीक्षा बोध 2022-23 – PDF Download करे | 10th परीक्षा बोध 2022-23 – PDF Download करे |
11th परीक्षा बोध 2022-23 – PDF Download करे | 12th परीक्षा बोध 2022-23 – PDF Download करे |
प्रश्न बैंक संपूर्ण हाल 2023 :-
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