[SET-A] MP Board 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24 PDF : एमपी बोर्ड 11वीं व्यवसाय अध्ययन अर्द्धवार्षिक पेपर 2023 असली पेपर
MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023 : मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा का आगमन शुरू हो चूका है, और विद्यार्थी सब्जेक्ट वाइज ओरिजिनल पीडीऍफ़ की तलाश कर रहे है। तो जैसा की आप सबको पता होगा 11 दिसम्बर को व्यवसाय अध्ययन का पेपर संपन्न कराया जायेगा और सभी छात्र Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न की तलाश कर रहे है ।
तो MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 की तलाश कर रहे छात्रों के लिए बड़ी अपडेट सामने आ रही है, आज के इस लेख में हम आप सबको MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 Original pdf प्रोवाइड करने वाले है ताकि आप सब MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 के माध्यम से अपनी तैयारी पूरी करके अर्द्धवार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण कर सके।
एमपी बोर्ड Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24
MP Board Kaksha 12vi vishay Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023-24: प्रिय छात्रों, आज हम आपके सामने MP Board Class 11th व्यवसाय अध्ययन Ardhvarshik Paper 2023-24 के बारे में जानकारी देने आए हैं। आज हम आपको 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2024 के संबंध में जानकारियां देंगे। यदि आप अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें।
MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24 Real Paper
मेरे प्रिय छात्रों, जैसा की हम सभी को ज्ञात है कि MP Board Ardhvarshik exam Paper 2023 दिसम्बर महीने वर्ष 2023 में होंगे। यह टाइम टेबल माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल द्वारा जारी किया गया IMP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023 का Syllabus, Pdf & Notes आप सभी छात्रों को नीचे मिल जायेगा।
Overview – MP Board class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Paper 2023-24
Board | Madhya Pradesh Board of Secondary Education (MPBSE) |
Class | 11th |
Exam | Mp Board Half yearly Exam 2023-24 |
MP Half Yearly Exam Date | December 2023 |
Time Table | 06.12.2023 to 15.12.2023 |
Official Website | mpbse.nic.in |
एमपी बोर्ड कक्षा 11वीं व्यवसाय अध्ययन अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24
प्यारे विद्यार्थियों आज इस आर्टिकल Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Class 11th Ardhvarshik Paper 2023-2024 MP Board के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आपको अपने MP Board Class 11th व्यवसाय अध्ययन Ardhvarshik Paper 2023-2024 के अंतर्गत कुल कितने पाठ याद करने पड़ेंगे। अर्थात कुल कितना सिलेबस पूछा जाएगा, परीक्षा का पैटर्न कैसा रहेगा, इत्यादि जानकारियां आज आप यहां से लेने वाले हैं। हम आपसे पुनः कहेंगे की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको हमारे साथ अंत तक जुड़े रहना पड़ेगा।
All Subject PDF Download Class 11th Half Yearly Exam 2023-24
11वीं व्यवसाय अध्ययन के बाद नीचे दिये गये लिंक और अन्य विषय का भी pdf डाउनलोड कर सकते है।
कक्षा 11वीं व्यवसाय अध्ययन अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24 असली पेपर
इस पोस्ट में हम MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik Pariksha 2023-24 प्रोवाइड कराने वाले है ताकि आप सब MP Board kaksha 12vi Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Ardhvarshik pariksha 2023 के माध्यम से अपनी तैयारी कर अपने परीक्षा में बहुत अच्छे नंबर ला सकते है। MP Board Class 12 Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न half yearly paper 2023 दिसम्बर में होने जा रहा है।
प्रश्न 1. मानवीय क्रियाओं से क्या आशय है?
उत्तर- मनुष्य अपना जीवन सुख, शांति एवं आराम से व्यतीत करना चाहता है। इसके लिए मनुष्य को विभिन्न प्रयास करना पड़ते हैं जिन्हें मानवीय क्रियाएँ कहते हैं।
यह क्रियाएँ दो प्रकार की होती है-
- आर्थिक क्रियाएँ – जिनका उद्देश्य धन कमाना होता है। त्य,
- अनार्थिक क्रियाएँ – जिनका उद्देश्य आपसी प्रेम, स्नेह या समाज सेवा होता है।
प्रश्न 2. व्यावसायिक जोखिम का अर्थ बताइए ।
उत्तर- व्यावसायिक जोखिम से आशय व्यापार में किसी ऐसी अनसोची या अप्रत्याशित घटना के होने से है जिसके सम्बन्ध में व्यवसायी ने सोचा भी नहीं था। व्यवसाय में होने वाली इस प्रकार की घटनाओं के परिणामस्वरूप व्यापार में हानि होती है या व्यापार के लाभों में कमी हो जाती है। व्यावसायिक जोखिम व्यापारी के नियंत्रण के बाहर होती है, वह जोखिम को बीमा सुविधा के द्वारा बाँट सकता है पर समाप्त नहीं कर सकता है। अतः व्यवसाय की यह अनिश्चितता ही व्यावसायिक जोखिम कहलाती है।
प्रश्न 3. पेशे की प्रमुख विशेषताएँ बतलाइए ।
उत्तर- पेशे की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-
- विशिष्ट ज्ञान- पेशे के लिए विशिष्ट ज्ञान का होना आवश्यक है। जैसे- इंजीनियरिंग की डिग्री होने पर इंजीनियर का, चिकित्सा स्नातक होने पर डॉक्टर का, चार्टर्ड एकाउन्टेट की डिग्री प्राप्त करने पर अंकेक्षक का, वकालात की डिग्री प्राप्त होने पर वकील का कार्य किया जा सकता है। बिना विशिष्ट डिग्री के पेशे में प्रवेश नहीं किया जा सकता।
- प्रशिक्षण तथा अनुभव द्वारा प्रगति- निरन्तर अभ्यास, प्रशिक्षण तथा अनुभव के परिणामस्वरूप पेशे में उत्तरोत्तर प्रगति या विकास होता जाता है।
- आचार-संहिता- प्रत्येक पेशे की अपनी आचार-संहिता होती है, जिसका पालन पेशेवर व्यक्ति को करना पड़ता है।
- ईमानदारी तथा नैतिकता- पेशेवर व्यक्ति अपना कार्य = ईमानदारी, सच्चाई तथा निष्ठा से करते हैं, जिसके फलस्वरूप = उनकी लोकप्रियता में वृद्धि होती है।
- सेवा-भावना- आर्थिक लाभ के साथ-साथ पेशे में सेवा – की भावना भी निहित रहती है। कभी-कभी निःशुल्क कार्य भी करना पड़ता है।
जैसे- डॉक्टर द्वारा रोगी की निःशुल्क चिकित्सा, धार्मिक,सामाजिक व राष्ट्रीय हित के लिए गायक, संगीतज्ञ, खिलाड़ी – आदि द्वारा अपनी कला का निःशुल्क प्रदर्शन आदि ।
प्रश्न 4. प्रथम सेवा तथा फिर लाभ का सिद्धान्त समझाइए ।
उत्तर- प्रथम सेवा तथा फिर लाभ के सिद्धान्त का प्रतिपादन
प्रसिद्ध उद्योगपति हेनरी फोर्ड ने किया था। बाद में अन्य उद्योगपतियों ने इस सिद्धान्त का समर्थन किया था।
इनके अनुसार व्यवसाय का प्रथम उद्देश्य सेवा तथा फिर लाभ होना चाहिए। व्यवसायी को सेवा की भावना के साथ ही लाभ कमाने के उद्देश्य की पूर्ति करना चाहिए।
सेवा की भावना से ग्राहकों के मन में अटूट विश्वास उत्पन्न होता है और व्यवसाय बहुत तेजी से उन्नति करता है। एलवुड राईस के शब्दों में- “ऐसी व्यावसायिक संस्थाएँ जो कि सेवा के लिए उत्तम बीज बोती है, वे निश्चय ही स्थायी ख्याति की उत्तम फसल काटती है।”
प्रश्न 5. व्यापार के सहायकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- व्यापार के प्रमुख सहायक निम्नांकित हैं-
- परिवहन के साधन- व्यापार के विस्तार एवं प्रसार में परिवहन के साधनों का महत्वपूर्ण स्थान है। रेलमार्ग एवं – पानी जहाज के कारण देशी एवं विदेशी व्यापार में पर्याप्त प्रगति हुई है।
- संचार के साधन- व्यापार की प्रगति में संचार के साधनों का अत्यधिक महत्व है। ये व्यापारिक संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाते हैं। प्रत्यक्ष सम्पर्क द्वारा संदेश देना कभी- कभी संभव है तथा बिना संदेश के व्यापारिक क्रियाकलाप सम्भव नहीं है। डाकघर, तारघर, फैक्स, समुद्री तार आदि संचार के प्रमुख एवं प्रचलित साधन हैं।
- बैंक –बैंक एक अत्यन्त महत्वपूर्ण सहायक है। वस्तुओं के भुगतान, व्यापारियों को ऋण प्रदान करने, मुद्रा के हस्तान्तरण एवं अभिकर्ता के रूप में उसका कार्य उल्लेखनीय है।
- बीमा- उद्योगों के समान व्यापार भी एक जोखिम युक्त कार्य है। अग्नि एवं समुद्री तूफान आदि से क्षति होने की सदैव सम्भावना होती है।
अतः इनके तथा इस प्रकार के अन्य जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करने का कार्य बीमा द्वारा किया जाता है। बीमा के कारण व्यापार में वृद्धि हुई है।
- भण्डारगृह- जिस प्रकार वस्तु की माँग की प्रत्याशा में वस्तु का विनिर्माण कार्य किया जाता है, उसी प्रकार भविष्य की माँग को ध्यान में रखकर वस्तुओं का भण्डारण किया जाता है। भण्डारण के कारण वस्तु के मूल्य में स्थायित्व सम्भव है।
प्रश्न 6. फर्म के समापन से क्या आशय है?
उत्तर- फर्म के समापन से आशय साझेदारों द्वारा व्यवसाय को बन्द करने से है-
भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 की धारा 39 के अनुसार- “किसी फर्म के साझेदारों के बीच साझेदारी की समाप्ति ही फर्म की समाप्ति कहलाती है।” साझेदारी के समापन की निम्न विधियाँ हैं-
(1) ठहराव द्वारा समापन,
(2) अनिवार्य समापन,
(3) आकस्मिक घटनाओं के घटने पर
(4) सूचना द्वारा विघटन,
(5) न्यायालय द्वारा विघटन।
प्रश्न 7. एकाकी व्यापार को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- एकाकी स्वामित्व वाले व्यवसाय के अन्तर्गत एक ही व्यक्ति व्यवसाय का संगठन करता है, वही उसका स्वामी होता है और वह अपने स्वयं के नाम से व्यवसाय का संचालन करता है।
प्रश्न 8. बहुराष्ट्रीय कम्पनी किसे कहेंगे?
उत्तर- ऐसी कम्पनियाँ, जिनका व्यवसाय एक से अधिक, देशों में फैला हुआ होता है, उन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनी कहते हैं। इन कम्पनियों का समामेलन किसी एक देश में होता है। पर ये अपने नाम से अनेक देशों में व्यापार करती हैं। इसलिए इन्हें बहुराष्ट्रीय निगम कहते हैं।
इन कम्पनियों द्वारा लिये गये निर्णय उनके द्वारा कार्यरत सभी देशों की कम्पनियों के सन्दर्भ में लिए जाते हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की पूँजी का आकार बहुत विस्तृत होता है।
प्रश्न 9. सरकारी कम्पनी किसे कहेंगे?
उत्तर – भारतीय कम्पनी अधिनियम 1956 की धारा 617 के (2 अनुसार “सरकारी कम्पनी से आशय एक ऐसी कम्पनी से है, जिसकी चुकता अंश पूँजी का कम से कम 51% भाग केन्द्रीय (3 सरकार या किसी राज्य सरकार या सरकारों या अंशतः केन्द्रीय हो सरकार और अंशतः एक या अधिक राज्य सरकारों के पास हो (4 एवं जिसमें सरकार का नियन्त्रण हो । इसमें वह कम्पनी भी शामिल की जाती है, जो सरकारी कम्पनी की सहायक कम्पनी हो।”
प्रश्न 10. वैश्वीकरण से क्या आशय है?
उत्तर- वैश्वीकरण से आशय देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था से जोड़ना है। वैश्वीकरण से विश्व बाजारों के मध्य पारस्परिक निर्भरता उत्पन्न होती है। वैश्वीकरण उद्यमों के संचालन में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का विशेष योगदान होता है। इससे उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अच्छी वस्तुएँ प्राप्त होती हैं।
प्रश्न 11. सरकारी कम्पनी की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर- सरकारी कम्पनी की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) यह कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत एक समामेलित संस्था है। इसका अलग वैधानिक अस्तित्व होता है। इसमें शाश्वत उत्तराधिकार तथा सार्वमुद्रा के गुण विद्यमान होते हैं। यह एक कृत्रिम व्यक्ति है, जो अपने नाम से अनुबन्ध कर सकती है, मुकदमा चला सकती है और सम्पत्ति क्रय कर सकती है।
(2) कम्पनी की आधे से अधिक या सम्पूर्ण अंश पूँजी पर सरकार का स्वामित्व होता है।
(3) सरकारी कम्पनी में सरकारी लेखांकन एवं अंकेक्षण नियम लागू नहीं होते। इसकी स्वतन्त्र लेखा प्रणाली होती है और इसका अंकेक्षण किसी अधिकृत चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट द्वारा किया जाता है।
4) इसके कर्मचारी लोक सेवक नहीं होते। इसका अपना अलग स्टाफ होता है। इनकी नियुक्ति, वेतन आदि की शर्तें सरकारी कर्मचारियों पर लागू शर्तों से भिन्न होती हैं।
(5) यह अपनी आय को अपने पास रखने तथा खर्च करने के लिए स्वतन्त्र होती है।
प्रश्न 12. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की विशेषताएँ निम्न है-
- व्यापक क्षेत्र- इनका क्षेत्र व्यापक है, क्योंकि यह कई देशों को में व्यापार करती है।
- वित्तीय साधन विशाल- बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के वित्तीय की साधन विशाल होते हैं।
- उत्पादन पर जोर- इन कम्पनियों में बड़ी मात्रा में उत्पादन री करने पर जोर दिया जाता है।
- उत्कृष्ट उत्पादन- इस प्रकार की कम्पनियाँ अपने उत्पादन की गुणवत्ता पर विशेष जोर देती है।
प्रश्न 13. बैंक की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर– 1. जमा प्राप्त करना- बैंक जनता से उनके अतिरिक्त धन को प्राप्त करती है। इससे जनता में बचत की आदत का विकास होता है।
- जमा को उत्पादन में लगाना- बैंक जमा के रूप में प्राप्त राशि को ऋण के रूप में देकर उत्पादन कार्य में लगाती है जिससे देश का विकास होता है।
- धन का हस्तान्तरण- बैंक एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन का हस्तान्तरण कर साख सुविधा प्रदान करते हैं।
- एजेन्सी सम्बन्धी कार्य- बैंक ग्राहक के विभिन्न एजेन्सी सम्बन्धी कार्य जैसे- लाभांश, ब्याज एवं विभिन्न बिलों के भुगतान सम्बन्धी कार्य करती है।
प्रश्न 14. ई-बैंकिंग से ग्राहकों को क्या लाभ होते हैं।
उत्तर-ई-बैंकिंग से ग्राहकों को लाभ-
- समय की बचत – ई-बैंकिंग से बिलों का भुगतान ऑनलाईन किया जाता है। अतः चैक लिखने व भेजने में लगने वाला समय बच जाता है।
- पर्यावरण हितैषी- ई-बैंकिंग स्टेशनरी की बचत कर पर्यावरण सुरक्षा में सहयोग करती है।
- लेन-देन में तीव्रता- ई-बैंकिंग में किसी भी प्रकार के लेन-देन को तीव्र गति से किया जाता है।
- 24 घण्टे बैंकिंग सुविधा- ई-बैंकिंग 24 घण्टे, 365 दिन अनवरत सेवाएँ प्रदान करती है।
प्रश्न 15. सेवाओं की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर-सेवाओं की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- अमूर्तता – सेवाएँ अर्भूत होती है, इन्हें न तो देखा जा सकता है और न ही स्पर्श किया जा सकता है, सिर्फ अनुभव किया जा सकता है।
- अभिन्नता – सेवा के लिए सेवा प्रदाता एवं सेवा प्राप्तकर्ता दोनों का एक साथ उपस्थित रहना आवश्यक है। सेवाओं को उनके प्रदानकर्ता से अलग नहीं कर सकते हैं।
- भण्डारण – सेवाएँ अभौतिक एवं अमूर्त होती है। इस कारण सेवाओं का भण्डारण नहीं किया जा सकता है।
- ग्राहक की उपस्थिति- सेवाओं को ग्राहक से पृथक नहीं किया जा सकता है। अतः सेवा प्राप्त करते समय ग्राहकों की उपस्थिति आवश्यक है।
प्रश्न 16. वित्तीय सेवाओं की प्रकृति बताइए ।
उत्तर- वित्तीय सेवाओं की प्रकृति निम्नलिखित है-
(1) वित्त प्रत्येक व्यवसायिक क्रिया है इसके लिए अनिवार्य होता है, बिना वित्त व्यवसाय संचालित नहीं हो सकता।
(2) वित्तीय सेवाएँ ग्राहक केन्द्रित होती है।
(3) व्यवसाय को उसके आकार के अनुरूप वित्त की आवश्यकता होती है।
(4) वित्त की उपलब्धता से व्यवसाय के विस्तार एवं विकास को सम्भव बना सकते हैं।
(5) सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन के कारण वित्तीय सेवाएँ भी परिवर्तित होती है।
(6) वित्तीय सेवाएँ माँग एवं पूर्ति से प्रभावित होती है।
प्रश्न 17. पार्षद सीमा नियम की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- एक कम्पनी के पार्षद सीमा नियम की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
- महत्वपूर्ण एवं आधारभूत प्रलेख – यह कम्पनी का सबसे महत्वपूर्ण एवं आधारभूत प्रलेख होता है। इसके बिना कम्पनी की स्थापना नहीं की जा सकती है।
- कम्पनी का संविधान पार्षद सीमा नियम कम्पनी का संविधान होता है क्योंकि इसमें कम्पनी के नियमों का उल्लेख रहता है।
- कम्पनी की सीमाएँ-सीमा नियम कम्पनी की सीमाओं को निर्धारित करता है। सीमाओं से परे किया गया कार्य व्यर्थ (Void) माना जाता है।
- परिवर्तन करना कठिन – सीमा नियम में परिवर्तन करना कठिन होता है अतः उसे बहुत सावधानी से बनाना चाहिए।
- कम्पनी का वर्णन – कम्पनी से व्यवहार करने वाले न व्यक्तियों को कम्पनी से संबंधित समस्त वर्णन (जानकारी) सीमा नियम से प्राप्त हो जाते हैं।
प्रश्न 18. ‘सारणी-अ’ क्या है?
उत्तर- यदि कम्पनी पार्षद अन्तर्नियमों का निर्माण नहीं करती है तो उसके स्थान पर सारणी ‘अ’ अन्तर्नियम का स्थान लेती है। कम्पनी अधिनियम 1956 की प्रथम अनुसूची कम्पनी के प्रबन्ध एवं आन्तरिक व्यवस्था हेतु दिए गए 99 आदर्श अन्तर्नियमों की एक सूची है, जिसे सारणी ‘अ’ के नाम से जाना जाता है। अन्तर्नियमों की उपस्थिति में भी नहीं बनाए गए नियमों के लिए सारणी ‘अ’ के नियम लागू होते हैं।
प्रश्न 19. लघु व्यावसायिक उपक्रम की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर- लघु व्यावसायिक उद्यम में निम्न विशेषताएँ पाई जाती हैं।
- कम पूँजी – लघु व्यावसायिक उपक्रम का संचालन कम पूँजी से किया जा सकता है।
- असीमित दायित्व – लघु व्यावसायिक उद्यम में स्वामी का दायित्व असीमित होता है। ये अधिकांशतः एकांकी व्यापार या साझेदारी के द्वारा स्थापित किये जाते हैं।
- स्थापना – लघु व्यावसायिक उपक्रम की स्थापना सरल होती है एवं इन्हें कहीं भी सुविधाजनक स्थान पर शुरू किया जा सकता है।
- सरकारी प्रोत्साहन– इन उद्यमों को सरकार के द्वारा विभिन्न छूट एवं रियायतें प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता है। 5. कार्यक्षेत्र – इनका कार्य क्षेत्र तो स्थानीय होता है, किन्तु विक्रय क्षेत्र व्यापक हो सकता है।
प्रश्न 20. नवप्रवर्तन क्या है?
उत्तर- नवप्रवर्तन- फर्म के दृष्टिकोण से नवप्रवर्तन लागत – घटाता है अथवा आगम बढ़ाता है। यदि यह दोनों कार्य करता है तो यह सोने पे सुहागा है। यहाँ तक कि यदि यह कुछ भी करे तो भी यह सुखद है, क्योंकि नवप्रवर्तन अवश्य ही एक आदत बन जाती है।
उद्यमिता इस अर्थ में रचनात्मक है, क्योंकि यह मूल्य निर्माण में संलग्न है। उत्पादन के विभिन्न साधनों के संयोजन द्वारा उद्यमी उन वस्तुओं तथा सेवाओं को उत्पादित करते हैं, जो समाज की इच्छाओं तथा आकांक्षाओं को पूरा करती है। प्रत्येक उद्यमशील का परिणाम आय तथा सम्पत्ति का उत्पादन होता है। उद्यमिता इस अर्थ में रचनात्मक है कि यह नवप्रवर्तन (नए उत्पादों का प्रारम्भ, नए बाजारों तथा लागतों की आपूर्ति के नए स्रोतों की खोज, प्रौद्योगिकी दृष्टि से महत्वपूर्ण खोज, के साथ-साथ कार्यों को बेहतर, मितव्ययी, तीव्र तथा वर्तमान संदर्भ में वातावरण को कम नुकसान पहुँचाने वाले तरीकों से करने हेतु नए-नए संगठनात्मक प्रारूप प्रारम्भ करती है।
प्रश्न 21. स्टार्ट अप इण्डिया की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर- स्टार्ट अप इण्डिया की शुरुआत, कार्य बिन्दु-
- सरलीकरण एवं हस्तस्त- स्टार्ट अप को अनुकूल तथा लोचशील बनाने के अनुपालन में सरलीकरण घोषित किए गए।
- स्टार्ट अप इण्डिया केन्द्र- इसका उद्देश्य है कि समस्त स्टार्ट अप पारिस्थितिकी हेतु एकल संपर्क केन्द्र बनाना तथा ज्ञान विनिमय व निधिकरण तक पहुँच को सक्षम बनाना।
- कानूनी सहायता तथा स्वत्वाधिकार जाँच को तेज करना – स्वत्वाधिकारों, व्यापार चिन्हों तथा अभिनव व सम्बद्ध स्टार्ट अप के अभिकल्पों की सुरक्षा को सुलभ कराने हेतु प्राज्ञ सम्पत्ति सुरक्षा स्टार्ट अप योजना पर विचार किया गया।
- सरल बहर्गिमन – व्यवसाय के असफल होने तथा प्रचालनों के समापन की दशा में पूँजी एवं संसाधनों का अधिक उत्पादक कार्यों में पुनरावंटन कार्य करने हेतु कार्यविधियाँ अंगीकृत की गई। इससे जटिल तथा लम्बी बहिर्गमन प्रक्रिया के डर के बिना ही नए तथा अभिनव विचारों के प्रयोगों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रश्न 22. नवभाटक पत्र या चार्टर पार्टी से क्या आशय है?
उत्तर- अधिक माल होने की स्थिति में पूरा जहाज या जहाज का एक भाग किराये पर लेने के लिए अनुबन्ध किया जाता है। ऐसी स्थिति में जहाजी कम्पनी के द्वारा दिये जाने वाले अनुबंध पत्र को ‘नवभाटक पत्र’ या ‘चार्टर पार्टी कहते हैं।
प्रश्न 23. इण्डेन्ट की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर- इण्डेन्ट की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) यह सदैव लिखित होता है।
(2) इसका प्रयोग विदेशी व्यापार में किया जाता है।
(3) इसे निर्यात प्रतिनिधि को भेजा जाता है।
(4) इसमें माल से संबंधित सम्पूर्ण विवरण लिखा जाता है।
(5) इसके आधार पर निर्यात प्रतिनिधि माल का संग्रह कर आयातक को भेजता है।
How to Download MP Board Class 11th Business Studies 20 महत्वपूर्ण प्रश्न Paper Ardhvarshik Paper 2023-24 Pdf
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